Sad Story in Hindi – यह कहानी दिल को छूने वाली है, कैसे 2 प्रेमी शुरुवात में करीब आते हैं और सब सुनहरा सा लगने लगता है, जिंदगी इतनी रंगीन होती है इसका अहसास हमें हमारा प्रेमी करवाता है| आज की कहानी में ना कोई इजहार है ना इकरार, ना उम्मीद ना निराशा, है तो केवल प्रेम | “एक उलझी अनकही सी दास्ताँ” |
रुला देने वाली एक अधूरी दास्ताँ
शाम के 4:00 बज चुके थे। लड़की के घर के ठीक सामने एक तिराहा पड़ता था। एक सड़क पूरब दिशा में जाती थी, और एक सड़क उत्तर दिशा में जाती थी, और पश्चिम दिशा पर लड़की का घर पड़ता था| शाम के 4:00 बजे उत्तर दिशा की सड़क से होता हुआ एक लड़का आता और लड़की के बगल से गुज़रने वाली सड़क से होकर चला जाता। ऐसा प्रतिदिन ही होता। जिस तरह सूरज का पूरब में निकलना निश्चित था। दिन का ढलना निश्चित था। शाम के 4:00 बजना निश्चित था। शाम को माँ का चाय बनाना निश्चित था।
बहुत सारे काम जो नियमित रूप से होते हैं या जिनका होना एकदम निश्चित होता है ठीक वैसे ही उसका 4:00 बजे शाम को उस सड़क से गुज़रना निश्चित होता था।लड़की उसका इन्तज़ार नहीं करती थी। लेकिन शाम को 4:00 बजे लड़का सड़क से ना गुज़रे तो सड़क सूनी लगती थी,
लड़की की नज़र सड़क पर ही टिकी रहती थी। उसका मन बेचैन रहता था। बड़ी उलझन में रहती थी। जैसे ही वह सड़क से गुज़र जाता था। उसकी सारी परेशानी भी ख़त्म हो जाती थी।
जैसे किसी चीज़ की लत लग जाए जब तक वह न मिले चैन नहीं मिलता, वैसे ही लड़के को लड़की के घर के बगल से गुज़रने की, और लड़की को उसे गुज़रते हुए देखने की लत लगी थी।लड़की के घर के बाहर एक बड़ा नीम का पेड़ था | ठीक 4:00 बजते ही उसे उसके सारे काम ख़ुद ब ख़ुद छोड़ दिया करते थे। बाहर नीम का पेड़ और उसका चबूतरा बार-बार लड़की को आवाजें देने लगते थे।
नीम से थोड़ी दूर एक गुलाब का पौधा भी था जो सड़क से थोड़ी दूरी पर था। लड़का सड़क पर गुज़रते हुए फूलों को सहलाकर जाता शायद लड़की के लिए कोई सन्देश होता था। उसके जाने के बाद लड़की जाकर फूलों को सहला लेती। लड़की को लड़के का और लड़के को लड़की का प्यार मिल जाता।
लड़की ख़ुद को रोकती थी और नहीं जाना चाहती फिर भी जाती थी। शायद शाम के 4:00 बजते ही इसलिए थे कि दो नैना चार हो जाए। इसके अलावा कुछ नहीं था, कसमें वादे प्यार नहीं था, या शायद था भी। लड़का गुज़रता था कि जब कभी भविष्य में लड़की अतीत की गलियों से होकर गुज़रे तो लड़के की याद उसे एक शर्मीली झपकी दे, जब कभी वह अकेली हो तो अधखिली सी, दबी-दबी-सी मुस्कान से वह अपना अकेलापन दूर कर सके।
लड़का खूबसूरत जवान था। अमीर घराने से ताल्लुक रखता था। उसके घर नौकर-चाकर थे। उसके पास अपनी बाइक भी थी। लेकिन लड़का अपने गाँव से लड़की के गाँव तक जो लगभग 3 किलोमीटर की दूरी थी पैदल चला करता था। कभी- कभार साइकिल से भी आता था। न जाने लड़की के गाँव आने के लिए, हर रोज़ वह क्या बहाना बनाता होगा? क्या वजह बताता होगा…? जब उसके गाँव वाले या लड़की के गाँव वाले उससे पूछते होंगे। कुछ दिलचस्प सा जवाब देता होगा या मुस्कुराकर टाल देता होगा। ऐसे सवाल कभी लड़की के मन में नहीं आए और उसने पूछा भी नहीं, लड़के ने बताया भी नहीं।
एक दिन लड़की के मन में लड़के को परखने की इच्छा हुई वास्तव में वह किसी काम से आता है या सच में उससे मिलने आता है। शाम के 4:00 बजने वाले थे। लड़की परदे के पीछे खड़ी हो गई थी। लड़का साइकिल से था। आँखों में चाहत घोले, दीद की बेकरारी लिए एक रोमांटिक सा गाना गुनगुनाते हुए चला आ रहा था। लड़की के घर के बगल से गुज़र रहा था, लड़की नहीं दिखी। आगे वह चलता जाता, और पीछे पलटकर देखता जाता । लड़की ख़ुद को रोक नहीं पाई और परदे के पीछे से बाहर आ गई। लड़की को देखकर उसे देखता ही रह गया सामने गड्डा था।
लड़का साइकिल सहित गड्ढे में गिर गया। सड़क पर जा रहे कुछ लोगों ने उसे गड्ढे से बाहर निकाला उसकी साइकिल उठाई उसकी सहायता की। फिर से वो आगे की ओर चलता हुआ पीछे देख रहा था। किसी ने कहा अभी तो गिरे हो सामने देखकर चलो नहीं तो फिर गिर जाओगे।
एक अनकही सी दास्ताँ – Sad Story
यह सिलसिला बहुत दिनों तक चलता रहा। फिर अचानक 3 दिन तक लड़का नहीं आया। लड़की हर शाम इन्तज़ार करती और फिर मायूस हो जाती। चौथे दिन लड़का जब आया, लड़की ने जैसे उससे आँखों से शिकायत की कि इतने दिन क्यों नहीं आए। लड़के ने लड़की की आँखें पढ़ लीं। लड़के का दोस्त भी उसके साथ था उसने यूँ ही कहा… दवा टाइम पर खाते रहना, नहीं तो जल्दी ठीक नहीं हो पाओगे। लड़की समझ गई कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। गुलाब के पौधे के पास गई, और फूल को सहलाया और घर के भीतर चली गई। लड़का वापस आया उसने फूल को चूमा और चला गया। यूँ ही न जाने कितने दिन बीत गए।
एक शाम जब लड़का सड़क से गुज़रा गुलाब के पौधे के पास रखा हुआ शादी का कार्ड देखा। आसपास कोई न था लड़के ने कार्ड उठाया और तारीख देखी। आज से कुल 15 दिन उसकी शादी में बचे थे। फिर भी लड़का हर रोज़ उसी तरह ठीक शाम 4:00 बजे सड़क से गुज़रता और लड़की हर रोज़ उसे देखती। लड़की की शादी के एक दिन पहले लड़का शाम को आया गुलाब के पौधे से एक गुलाब तोड़ा और पौधे के पास रख दिया। जिधर से रोज़ जाता था उस रास्ते नहीं गया बल्कि जिस रास्ते से वह आता था उसी रास्ते पर वापस लौट गया।
कभी न लौटने के लिए, सड़क सदा के लिए सूनी हो गई। अपनी विदाई से पहले लड़की ने एक दूसरा गुलाब तोड़ा और लड़के के गुलाब के साथ रख दिया। और दूल्हे के साथ विदा हो गई।
एक मासूम प्रेम कहानी के दो गुलाब, गुलाब के पौधे के पास ख़ाक हो गए। पौधे पर और नए फूल खिलेंगे और किसी दूसरी नई प्रेम कहानी के गवाह बनेंगे।
दोस्तों कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिनमें किसी भी Type का कोई Commitment नहीं होता, वो बस यूँही होते हैं| जिंदगी में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिनमें ना कुछ मिलने की आशा, ना कोई फायदा या लालच नहीं होता , वो रिश्ते होते हैं बस यूँ ही होते हैं| “जीवन पर्यंत”
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Heart touching story rahi