जब दिल दुखी होता है, तब शायरी वह पल बन जाती है जब इंसान अपनी भावनाओं को बयां कर पाता है, जिन्हें शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है। Emotional Sad Shayari वही है, जो दिल के दर्द, खोए हुए रिश्तों, अधूरी चाहतों, और जीवन के उन अंधेरे पलों को छू जाती है, जो किसी के दिल के कोने में चुपचाप बसे रहते हैं।
Love Sad Shayari में दर्द, मोहब्बत, तन्हाई, और जुदाई के भाव इतने गहरे होते हैं कि वे दिल को छू जाते हैं। यह शायरी न केवल अपने जज्बातों को व्यक्त करने का एक तरीका है, बल्कि उन लोगों के दिलों तक भी पहुंचती है जो समान दर्द से गुजर रहे होते हैं।
“जुबां पर जो बात नहीं आती,
वो शायरी के ज़रिए बयां हो जाती है।”
इस प्रकार, Emotional Sad Shayari एक दिल से दूसरे दिल तक पहुंचने का पुल बन जाती है, जहां हर शेर में एक कहानी, एक भावना, और एक अधूरा सा सपना छुपा होता है।
कौन सा टांका खुल गया मन का
भेद ये कैसे दुनिया जाने
रात बहाए कितने आंसू
मैं जानू मेरा तकिया जाने
Kaun sa Taanka khul gya man ka
Bhed ye kaise duniya jaane
Raat bahaaye kitne Aansu
Mein Jaanu Mera takiya jaane
मन की महाभारत को संभाले रखा है
आंख तो कब से रोने को तैयार बैठी है
Man ki Mahabharat ko Sambhale rakha hai ..
Aankh to kab se rone ko tayar baithi hai

तेरी सारी मजबूरियाँ मैं समझती हूँ
पर तूने एक वादा किया था याद तो कर !
Teri sari majbooriyan mein samjhti hun
Par tune ek wada kiya tha, yaad to kar!
Emotional Sad Shayari

कहने को तो बहुत कुछ बाकी है,
मगर तेरे लिए मेरी खामोशी ही काफी है..
Kahne ko to bahut kuch baaki hai
Magar tere liye meri khamoshi hi kaafi hai...
हल्की हल्की सी सर्द हवा ज़रा ज़रा सा दर्द ए दिल
अंदाज़ अच्छा है ऐ नवंबर तेरे आने का
Halki - halki si sard hawa, Zara Zara sa dard ae dil... Andaaz achha hai ae November tere aane ka...
मुझे लगा जैसे सारी दुनिया मेरे कब्ज़े में है
हालांकि वो तेरा हाथ था बस.
Mujhe laga jaise sari duniya mere kabje me hai, halanki wo tera hath tha bas...

मैं बददुआ
तो नहीं दूंगी लेकिन तुम्हें लगता है कि तुमने मेरे साथ अच्छा किया है तो.
ख़ुदा करे ये अच्छा तुम्हारे साथ भी हो...!!
Mein baddua to nahi dugi , lekin tumhe lagta hai tumne mere sath achha kiya hai to khuda kare ye achha tumhare sath bhi ho.
तकलीफ दे कर मोहब्बत जताना,
टांग काट कर बैसाखी देने जैसा है.
Takleef de kar mohabbat Jatana
Tang kaat kar baisakhi dene jaisa hai
एक बार और हो जाती मुलाकात तुमसे,
कुछ बाते अब उम्र भर अधूरी ही रहेंगी..!!!
Ek baar or ho jaati mulakaat tumse
Kuch baate ab umara bhar adhuri hi rahengi...
चंद महीने बचे हैं तेरी मेरी मोहब्बत के ।
चंद महीनों में कोई ज़िंदगी पा लेगा मेरी ||
Chand mahine bache hai teri meri mohabbat ke...
Chand mahino me koi zindgi paa lega meri.
तुम मुझे इतना भूल जाना कि तुम जी सको
मैं तुम्हें इतना याद रखूँगा कि मैं जी सकूँ
Tum mujhe itna bhool jaana ki tum jee Sako...
Mein tumhe itna yaad rakhuga ki mein jee saku...
उसको खोने के डर से गिरे आँसू मेरे,
तब पता चला कि मोहब्बत कितनी गहरी हो चुकी हैं..!
Usko khone ke dar se gire aansu mere tab pta chala ki mohabbat kitni gehri ho chuki hai...
वो आज कमरे में रो रही है
जो कल मोहब्बत का नाज लेकर
तमाम सखियों से कह रही थी
तुम्हारे खदसे फिजूल हैं सब
तुम्हें पता ही नहीं है उसका
मैं मुस्कुराऊं, वो मुस्कुराए
मैं रूठ जाऊं वो जहर खाए
मैं चहचहाऊं वो चहचहाए
मैं रो पड़ूं, वो रो पड़ेगा
है उसकी हिम्मत वो मुझे भुलाए...
मैं साथ छोडूं
वो मर ना जाए 🥺
एक स्त्री की मौत उसी वक़्त हो जाती है,,
जब उसका हमसफर अपने वादों से मुकर जाता है..!
Ek stree ki maut usi wakt ho jaati hai
Jab uska Humsafar apne wado se mukar jaata hai
जब देखोगे अपने मेहबूब को किसी की बाहों में, तब पता चलेगा कि बेवफाई में माफी क्यू नहीं होती है..!!
Jab dekhoge apne mehboob ko kisi ki baaho me tab pta chalega ki bewafai mein maafi kyo ni hoti ...
अब तेरी शिकायत किससे करें
हर शख्स को कहा था तुझसे बेहतर कोई नहीं है।
Ab teri shikayat kisse karen,
har shaksh ko kaha tha tujhse behtar koi nahi hai.
हर चुनौती को पार, बखूबी मैं निखर गया .. कैसा खेल था ये मुक़द्दर का, अंत में जो बिखर गया !
Har chunauti ko paar, bakhubi me nikhar gya ... Kaisa khel tha ye mukaddar ka ant me jo bikhar gya...
!! मेरे जनाजे पर ज़रूर आना तुम उस दिन ये मत कहना कि !!
!! दिल तो बहुत था आने का पर घर वाले नहीं माने !!
Mere janaje par jarur aana Tum
Us din ye mat kahna ki , dil to bahut tha aane ka par ghar wale nahi maane...
कि हर दरगाह पर धागा बांधा था,
हर मंदिर पर माथा टेका था...!
ईश्वर अल्लाह सब भूल गया...
जब उसको जाते देखा था...!!
Ki har dargaah par dhaga bandha tha
Har mandir par matha teka tha...
Ishwar Allah sab bhul gya
Jab usko jaate dekha tha...
हम तो वफा के आदि हैं
कदम कदम पर वफा करेंगे
बनके फकीर तेरे गलियों में
तेरी जिंदगी की दुआ करेंगे
Hum to wafa ke adi hai
Kadam kadam par wafa karenge
Banke fakeer tere galiyon me
Teri zindgi ki dua karenge..
क्या करोगे अगर मैं किसी और की हो जाऊं यह वो घटना है जो घटित होने वाली है मगर हर प्रेमी ने इसे एक सवाल समझकर मजाक में उड़ाया।।।
Kya karoge agar mein kisi or ki ho jaau yah wo ghatna hai jo ghatit hone wali hai , magar har premi ne ise ek sawal samjhkar majaak me udaaya ...
प्रेम क्या है ये उस प्रेमी से पूछो
जिसने विरह भी स्वीकारा हो और प्रेम भी निभाया हो...
Prem kya hai ye us premi se pucho
Jisne virah bhi sweekara ho or Prem bhi nibhaya ho...
तुम्हारा पेपर कैसा गया? कुछ पैसे चाहिये हो तो बताना?
तुम ठीक तो हो न? ये सवाल केवल प्रेमिकाओं ने ही पूछा।
रोज़ शाम को घर लौटते वक़्त पत्नियों ने मांगी साड़ी, नहीं मांगा वक़्त, न मांगा प्रेम।
तुम्हारे संघर्ष की साथी रही प्रेमिकाओं ने तुम्हारी कामयाबी के सपने देखे और उसे पूरा करने के लिए तुम्हारे साथ खड़ी रही।
उन्होंने उस सिंदूर की भी क़ीमत अदा की जो कभी उनके हिस्से आया ही नहीं
कांप उठता है बदन मेरा, जब में उसके जुल्म याद करती हूं,
भूली नहीं हूं कुछ , मैं उसे हर वक्त याद रखती हूं।
Kanp uthta hai badan mera , jab me uske julm yaad karti hun
Bhooli nahi hu kuch , mein use har wakt yaad rakhti hun
ये झूठी कहानी हमे न सुनाओ के माली मर जाए और बाग ठीक रहे
ये कैसे मुमकिन है राहे इश्क़ में महबूब छोड़ जाए और दिमाग ठीक रहे...
Ye joothi kahani hume na sunaao ki maali mar jaaye or baag theek rahe
Ye kaise mumkin hai rahe Ishq me
Mahboob chhod jaaye or dimag theek rahe...
उसके पीछे कच्ची उमर के 7 साल खो रखे है बहन, (जिसको तू 7 मिनट में 7 फेरो से ले गई।)
थोड़ी कोशिश कर लेना हमें पाने की
हम किसी गैर के हाथों में नहीं जाना चहते।
Thodi koshis kar lena hume paane ki
Hum kisi gair ke hatho me nahi jaana chahte...
इश्क वालो को फुर्सत कहां कि वो गम लिखें ।
कलम इधर लाओ बेवफाओं के बारे में हम लिखें ।।
Ishq walon ko fursat kaha ki wo gam likhe , kalam idhar laao bewafao ke bare me hum likhe...
वो तुम्हारे पीछे भागती थी, तुम्हें खोने से डरती थी
इसलिए नहीं कि उसे मोहब्बत की कमी थी, या उसको इज्जत प्यारी नहीं थी
वो तो बस ये चाहती थी कि वो सिर्फ तुमसे चाही जाए।
Vo tumhare piche bhagati thi tumhen khone se darti thi
Isliye nahi ki use Mohabbat ki Kami thi ya usko ijjat pyaari nahi thi
Wo to bas ye chahti thi ki wo sirf tumse chahi jaaye...